Mahashivratri 2020 | Mahashivratri Ki Hardik Shubhkamnaye - महाशिवरात्रि 2020
Mahashivratri 2020: महाशिवरात्रि कब है?
Mahashivratri 2020: महाशिवरात्रि पर पूजा का शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि
इस बार 21 फरवरी (शुक्रवार) को मनाया जाएगा।
महाशिवरात्रि हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस
बार चतुर्दशी की शुरुआत 21 तारीख को शाम 5.20 बजे के बाद से हो रही है। इस लिहाज से
शाम के बाद पूजा करना शुभ होगा।
हर
महीने की तरह इस महीने भी कई अहम व्रत और त्योहार मनाएं जाएंगे। लेकिन इनमें जो
सबसे अहम है, वो है महाशिवरात्रि का पर्व। यह पर्व
हिंदू धर्म में खास महत्व रखता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की
पूजा-अर्चना करने से मनोकामना पूरी होती है। इसलिए लोग इस दिन लोग व्रत रखते हैं।
भोलेनाथ के मंदिर में जाकर भगवान शिव पर जल और पुष्प अर्पण करते हैं। ऐसे में आज
हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस दिन है महाशिवरात्रि और क्या है
पूजन
का समय।
महाशिवरात्रि
21 तारीख को शाम को 5 बजकर 20
मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी कि 22
फरवरी दिन शनिवार को शाम सात बजकर 2
मिनट तक रहेगी। रात्रि प्रहर की पूजा शाम को 6
बजकर 41 मिनट से रात 12 बजकर 52
मिनट तक होगी।
रात्रि
पहला पहर, पूजा का समय- 06.41 PM से 09.46 PM
रात्रि
दूसरा पहर, पूजा का समय- 09.46 PM से 12.52 AM (22
फरवरी)
रात्रि
तीसरा पहर, पूजा का समय- 12.52 AM से 03.58 AM (22
फरवरी)
रात्रि
चौथा पहर, पूजा का समय- 03.58 AM से 07.03 AM (22
फरवरी)
अगले
दिन सुबह मंदिरों में भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाएगी। बता दें कि हर
महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन आने वाली शिवरात्रि को सिर्फ शिवरात्रि कहा
जाता है। लेकिन फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी के दिन आने वाले शिवरात्रि को
महाशिवरात्रि कहा जाता है। साल में होने वाली 12
शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है।

Mahashivratri 2020: महाशिवरात्रि की व्रत विधि
शिवरात्रि
के व्रत से एक दिन पहले त्रयोदशी तिथि पर श्रद्धालुओं को एक बार भोजन करना चाहिए।
शिवरात्रि के दिन साधकों को सुबह के नियमित पूजा पाठ के बाद व्रत का संकल्प लेना
चाहिए। इस दिन उपवास रखें। मंदिर जाकर भी भगवान शिव की विशेष पूजा की जा सकती है।
भगवान
शिव की पूजा में बेल पत्र,
उजले या पीले फूल, धतुरा, मिठाई
और गाय के दूध का इस्तेमाल जरूर करें। महाशिवरात्रि पर शाम या रात की पूजा का
महत्व विशेष है। शिवरात्रि की पूजा पूरे रात में एक बार या फिर चार बार की जा सकती
है।
ये
है मान्यता
हिंदू
पंचांग के मुताबिक,फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी
को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन शिव और पार्वती
का विवाह संपन्न हुआ था। शास्त्रों की मानें तो महाशिवरात्रि त्रयोदशी युक्त
चतुर्दशी को ही मनाई जानी चाहिए।
ये
है कथा
इस
दिन के बारे में एक कथा प्रचलित है। पौराणिक कथा के अनुसार एक बार पार्वतीजी ने
भगवान शिवशंकर से पूछा,
'ऐसा कौन-सा श्रेष्ठ
तथा सरल व्रत-पूजन है,
जिससे मृत्युलोक के प्राणी आपकी कृपा
सहज ही प्राप्त कर लेते हैं?'
उत्तर में शिवजी ने पार्वती को 'शिवरात्रि' के व्रत का उपाय बताया था
पूर्णिमा
से महाशिवरात्रि के बीच अचानक आपकी किस्मत मोती से भी तेज चमकने वाली है। जिसके
कारण आपको अपने जीवन में अनेक बड़े परिवर्तन देखने को मिलेंगे। आपके ऊपर भगवान
भोलेनाथ की कृपा दृष्टि सबसे अधिक बनी रहेगी। जिससे आप व्यापार के क्षेत्र में दिन
दूनी रात चौगुनी तरक्की करते हुए नजर आएंगे। आपको अपने घर में सभी का प्यार एवं
सपोर्ट मिलेगा। जिससे आप समाज में अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब रहेंगे।
पारिवारिक मसले पर आपको अचानक यात्रा करनी पड़ सकती है। यात्रा करते समय सावधानी
पूर्वक चलाएं। अगर आप कोई नया वाहन खरीदना चाहते हैं तो, आपके लिए पूर्णिमा से महाशिवरात्रि के
बीच का समय सबसे अच्छा रहेगा। उस समय लिया गया डिसीजन आपको सफलता निश्चित तौर पर
दिलाएगा।
पूर्णिमा
से महाशिवरात्रि के बीच अचानक मोती से भी तेज चमकेगी किस्मत,
भगवान
भोलेनाथ की कृपा से आपके जीवन में आने वाली तमाम प्रकार की परेशानियां समाप्त हो
जाएंगी। आप प्रॉपर्टी,
दलाली, ब्याज
से अधिक धन कमाएंगे। जिससे आपके परिवार वाले आप पर गर्व महसूस करेंगे। आपके ऊपर
पारिवारिक जिम्मेदारियां बढ़ेंगी। आपके समाज में मान सम्मान और प्रतिष्ठा में
बढ़ोतरी होगी। कुछ समय के लिए धूम्रपान करने वाले दोस्तों का साथ छोड़ देना आपके लिए
लाइफ चेंजिंग साबित हो सकता है। वैवाहिक जीवन में दिनोंदिन प्यार बढ़ता जाएगा। नए
प्रेमी प्रेमिका के संबंध बेहतर हो जाएंगे। आपकी आर्थिक स्थिति लगातार मजबूत बनी
रहेगी। आपके जीवन का हर क्षण सुहाना हो जाएगा।
फरवरी 2020 मुख्य व्रत, पर्व त्यौहार एवं जयंती
1 फरवरी दिन शनिवार को पतित पावनी माँ
नर्मदा नदी की जयंती मनाई जाएंगी एवं इसी दीन रथ सप्तमी भी मनाई जाएंगी।
2 फरवरी दिन रविवार को माघ मास की गुप्त
नवरात्रि की दुर्गा अष्टमी तिथि मनाई जाएंगी जिसमें माँ महागौरी पूजा के साथ सन्धि
पूजा भी होगी।
3 फरवरी दिन सोमवार को माघ मास की गुप्त
नवरात्रि का समापन नवमी तिथि की पूर्णाहूति के साथ होगा
5 फरवरी दिन बुधवार को माघ जया एकादशी का
व्रत रखा जाएगा।
6 फरवरी दिन गुरुवार को गुरुवारी प्रदोष
व्रत (शुक्ल पक्ष) रखा जाएगा।
9 फरवरी दिन रविवार को माघ माह की
पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा,
साथ इस दिन संत रविदास की जयंती भी मनाई
जाएगी।
12 फरवरी दिन बुधवार को मासिक गणेश
संकष्टी चतुर्थी है।
13 फरवरी दिन गुरुवार को कुम्भ संक्रांति
है एवं सरोजनी नायडू जयंती भी मनाई जाएगी।
16 फरवरी दिन रविवार को सीताष्टमी मनाई
जाएंगी।
17 फरवरी दिन सोमवार को गुरु रामदास नवमी
मनाई जाएंगी।
18 फरवरी दिन मंगलवार को स्वामी दयानंद
सरस्वती जी की जयंती मनाई जाएंगी।
19 फरवरी दिन बुधवार को विजया एकादशी का
व्रत रखा जाएगा एवं गुरु गोलवलकर जी की जयंती मनाई जाएंगी।
20 फरवरी दिन गुरुवार गुरुवारी प्रदोष
व्रत (कृष्ण पक्ष) है
21 फरवरी दिन शुक्रवार को महाशिवरात्रि
महापर्व मनाया जाएगा। इस दिन बैधनाथ जयंती भी है।
23 फरवरी दिन रविवार को फाल्गुन अमावस्या
है, इस दिन संत गाडगे जी की जयंती भी है
24 फरवरी दिन सोमवार को रामभक्त शबरी माता
की जयंती है।
25 फरवरी दिन मंगलवार को श्रीरामकृष्ण
परमहंस जी की जयंती मनाई जाएंगी
27 फरवरी दिन गुरुवार को मासिक विनायक
चतुर्थी व्रत है।
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Mahashivratri 2020 | Mahashivratri Ki Hardik Shubhkamnaye - महाशिवरात्रि 2020
Reviewed by Dharmendra Gautam
on
February 01, 2020
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